बारिश तो बहुत है सफर में,
मगर इंद्रधनुष एक भी नहीं।
इतवार तो बहुत हैं ज़िन्दगी में,
"शलभ" की छुट्टी एक भी नहीं।
I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
[१]
खुली किताब की तरह है जीवन मेरा।
मोबाइल भी तो लॉक नहीं रहता मेरा।
[२]
हमने तो बस स्टेटस ही बदले।
और उसने बदल लिए रास्ते।